मधुबाला...
फिल्म 'मुगल-ए-आज़म' का एक डायलॉग, जिसे अनारकली की सुंदरता में कहा गया और हकीकत में जो उनका किरदार निभाने वाली मधुबाला पर एकदम सटीक बैठता है. आज उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि...
हमें देखकर ये कौन छिप गया बहार?
छिपा नहीं साहबे आलम छिपाया गया है
क्यों?
संगतराश का ये दावा है कि
जब ये मुजस्सिमां बेनकाब होगा तो...
बेखौफ होकर कहो,
कभी-कभी दावे दिलचस्प भी हुआ करते हैं
उसका ये दावा है कि इसे देखकर
सिपाही अपनी तलवार
शहंशाह अपना ताज और इंसान अपना दिल निकालकर
उसके कदमों में रख देंगे
संगतराश का दावा दिलचस्पी की हदों से
आगे बढ़ गया है। हम उसके फन का गुरूर
देखना चाहते हैं...
मधुबाला : 14 फरवरी 1933-23 फरवरी 1969
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