हैप्पी फीट: मछली की तरह तैरने वाला पक्षी पेंग्विन
हॉलीवुड की एनिमेशन फिल्म 'हैप्पी फीट" देखने से पहले मुझे इस बात की जानकारी नहीं थी पेंग्विन पक्षी प्रजाति से आते हैं। इससे पहले मुझे यही लगता था कि ये मछली की तरह कोई समुद्री जीव होते होंगे।
दरअसल ये उड़ने में असमर्थ पक्षी होते हैं। शायद यही वजह है कि ये बहुत अच्छे तैराक होते हैं और दक्षिणी गोलार्द्ध विशेषकर अंटार्कटिका में पाए जाते हैं। इनके पंख हाथ बन गए हैं। ये उभयचर प्राणी अपना आधा जीवन जमीन और आधा समंदर में बिताते हैं।
पेंग्विन की सबसे बड़ी प्रजाति एम्पेरर पेंग्विन की होती है। इसी प्रजाति पर आधारित फिल्म है 'हैप्पी फीट'। ये फिल्म एक ऐसे नर पेंग्विन मम्बल की कहानी है जो दूसरे पेंग्विन से हर मामले में अलग होता है।
साल 2006 में आई फिल्म में एक प्रेम कहानी के साथ पुरानी और नई पीढ़ी का द्वंद्व दिखाया गया है। इसके अलावा इंसानों से जानवरों को होने वाले खतरे को भी दिखाने की कोशिश की गई है।
केंद्रीय भूमिका में मम्बल एक ऐसा पेंग्विन है, जो एक अच्छा गायक नहीं है। फिल्म में दिखाया गया है कि वह बहुत बेसुरा है जब भी वह गाता है तो लोग नाराज हो जाते हैं। इसे लेकर उसके उसकी मां और पिता दुखी रहते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि नर पेंग्विन को साथी का चुनाव करते समय गाना होता है। जिस मादा पेंग्विन को नर का गाना पसंद आता है वह उसकी साथी बन जाती है। मम्बल को भी ग्लोरिया पसंद है मगर उसकी हरकते ग्लोरिया को नाराज किए रहती हैं।
अच्छा गायक न होने के कारण सब मम्बल से चिढ़ते हैं और कोई उसका दोस्त नहीं होता है। मंबल की एक खासियत है कि वह अच्छा गायक तो नहीं होता मगर एक बेहतरीन डांसर होता है, मगर जब वह नाचता है तो उसके कुनबे के बुजुर्ग आपत्ति जताते हैं कि ये बच्चा श्राप है। उनका मानना है कि मम्बल के नाचने की वजह से उन्हें भोजन के लिए समुद्र से मछलियां नहीं मिल रही हैं।
वहीं मम्बल इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता। मछलियों की कमी का पता लगाने के लिए वह घर छोड़कर अपने कुछ साथियों के साथ एक अंजाने सफर पर निकल पड़ता है। इस सफर में उसका सामना होता है इंसानों से, जिसे पेंग्विन एलियन कहते हैं।
मम्बल के अनुसार इंसान सामने की ओर आंखों वाले गंदे और बदसूरत जीव होते हैं। उसे पता चलता है कि समुद्र से बड़े पैमाने पर मछलियां पकड़े जाने से उनका भोजन लगातार कम हो रहा हैं। फिल्म में दिखाया गया यह तथ्य हकीकत में सही भी है। इसका प्रभाव यह है कि धरती पर पेंग्विन की संख्या लगातार घट रही है।
खैर मम्बल अपने डांस के जरिए इंसानों से अपनी समस्या कहता है और वापस अपने घर लौटता हैं। इसके बाद इंसान भी एक बिल पास पर समुद्र से मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा देते हैं। फिलहाल हकीकत इसके बिल्कुल उलट है, क्योंकि हम लालची इंसान धरती पर किसी दूसरे के लिए कुछ भी नहीं छोड़ेंगे। बहरहाल जॉर्ज मिलर के सह लेखन और निर्देशन में बनी यह फिल्म अच्छी है, जो हमें एक विलुप्तप्राय प्रजाति के बारे में काफी कुछ बताती है।
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